गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

क्या हैं गुरुत्वाकर्षण तरंगें Gravitational Waves?

क्या हैं गुरुत्वाकर्षण तरंगें Gravitational Waves?
वैज्ञानिकों ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज कर ली है। इनकी अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन्हें सदी की सबसे बड़ी खोज माना जा रहा है। दशकों से वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि क्या गुरुत्वाकर्षण तरंगें वाकई दिखती हैं। इसकी खोज करने के लिए यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने लीज पाथफाइंडर नाम का अंतरिक्ष यान भी अंतरिक्ष में भेजा था।
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन से आज से तकरीबन 100 साल पहले ही इस बारे में भविष्यवाणी कर दी थी जोकि सही साबित हुई। इस खोज से न सिर्फ आइंस्टाइन का सिद्धांत प्रमाणीत हुआ है, बल्कि इससे पहली बार 2 टकराने वाले श्याम विवरों (ब्लैक होल) की भी पुष्टि हुई है।
आज से करीब सवा अरब साल पहले ब्रह्मांड में 2 श्याम विवरों (ब्लैक होल) में टक्कर हुई थी और यह टक्कर इतनी भयंकर थी कि अंतरिक्ष में उनके आसपास मौजूद जगह और समय, दोनों विकृत हो गए। आइंस्टाइन ने 100 साल पहले कहा था कि इस टक्कर के बाद अंतरिक्ष में हुआ बदलाव सिर्फ टकराव वाली जगह पर सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा था कि इस टकराव के बाद अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण तरंगें(ग्रैविटेशनल तरंगें) पैदा हुईं और ये तरंगें किसी तालाब में पैदा हुई तरंगों की तरह आगे बढ़ती हैं।
अब दुनिया भर के वैज्ञानिकों को आइंस्टाइन की सापेक्षता के सिद्धांत (थिअरी ऑफ रिलेटिविटी) के सबूत मिल गए हैं। इसे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलता माना जा रहा है। ग्रैविटेशनल तरंगों की खोज से खगोल विज्ञान और भौतिक विज्ञान में खोज के नए दरवाजे खुलेंगे।
गुरुत्वाकर्षण तरंगें पर द्रव्य (matter) का कोई असर नहीं पड़ता और ये ब्रह्मांड में बिना किसी रुकावट के विचरण करती हैं।
गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने आंकड़ो के विश्लेषन(डेटा अनैलिसिस) समेत काफी अहम भूमिकाएं निभाई हैं। इंस्टिट्यूट ऑफ प्लाज्मा रिसर्च. गांधीनगर, इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रॉनामी ऐंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे और राजारमन सेंटर फॉर अडवांस्ड टेक्नॉलाजी, इंदौर सहित कई संस्थान इससे जुड़े थे।
गुरुत्वीय तरंगों की खोज का ऐलान आईयूसीएए पुणे और वाशिंगटन डीसी अमेरिका में वैज्ञानिकों ने किया। भारत उन देशों में से भी एक है, जहां गुरुत्वाकषर्ण प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है।----आशीष श्रीवास्तव
इससे सालों से चल रही गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज का अंत होने की उम्मीद है और ब्रह्मांड के जन्म से जुड़े 'बिग बैंग' के सिद्धांत को समझने के लिए नई खिड़की खुल सकेगी---बी  बी  सी