क्या है बॉडी क्लाक या जैविक घड़ी? What is 'Body Clock' 'Circadian Rhythms' ?
बॉडी क्लाक या जैविक घड़ी नियंत्रित करता है प्रतिरक्षा नियंत्रण की कमी और अधिकता
बॉडी क्लाक या जैविक घड़ी नियंत्रित करता है प्रतिरक्षा नियंत्रण की कमी और अधिकता
यह नया अध्ययन महत्वपूर्ण जैविक क्रिया को बताता
है जिसे मेडिकल की भाषा में 'शरीर घडी' या
'जैवलय' 'जैविक घड़ी' कहते हैं। अंग्रेजी में इसे 'Body Clock' 'Circadian
Rhythms' 'Biological Rhythms' या 'Biological Clock' कहा
जाता है। हमारा शरीर जैवलय के
अनुरूप कार्य करता है जिसमे रात्री 2बजे हम गहरी नींद में
होते हैं प्रातः 4.30 बजे हमारे शरीर का तापमान न्यूनतम होता
है 6.45 प्रातः रक्तचाप बढोतरी शुरू होती है फिर हारमोन
स्रावण शिथिल, 10 बजे प्रातः हमारा शरीर उच्च सतर्कता स्तर
पर होता है और बाद दोपहर तीव्र समन्वयन क्षमता पर होता है। 3.30 बजे दिन में तीव्र प्रतिक्रिया समय होता है। उसके बाद 5 बजे उच्च दक्षता युक्त ह्रदय कार्य क्षमता और मांसपेशीय मजबूती होती है
तत्पश्चात 6.30 सायं उच्च रक्तचाप सीमा व 7 सायंकाल उच्च शारीरिक तापमान स्तिथि होती है। 9 रात्री हारमोन स्रावण अधिक और आंतीय हलचल धीमी होनी शुरू हो जाती है। इस 24 घंटे की जैविक प्रक्रिया को 'जैवलय' या 'जैविक घड़ी' कहते हैं। एक नए अध्ययन से पता चला है कि
हमारी शारीरिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया की उच्च और निम्न स्तिथि इसी 'जैवलय' या 'जैविक घड़ी'
पर बहुत निर्भर करती है। शोधकर्ताओं का
कहना है कि यदि हम कम नींद लेते हैं तो हमारी 'जैवलय' प्रभावित होती है साथ साथ हमारी शारीरिक
प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी प्रभावित होती है।
इस अध्ययन से कमजोर प्रतिरक्षा वाले रोगियों के लिए बेहतर ढंग से उपचारात्मक रणनीति बनाई जा सकेगी।
अपने अध्ययन में शोधदल के सदस्यों की रूचि 'सिकेडीयन नियंत्रण' के अंतर्गत प्रतिरक्षा प्रणाली
द्वारा रोगजनक कारक और बावक्त प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का पता लगाने में थी। डा. फाईक्रिग
और सहयोगियों ने क्षतिकारक रिसेप्टर- 9 (TLR9) की कार्य
प्रणाली को समझा और पाया कि यह प्रतिरक्षा प्रोटीन जीवाणु और विषाणु DNA को पहचानता है जब शोधकर्ताओं ने चूहों का प्रतिरक्षण TLR9 से किया तो उनमे 'सिकेडीयन क्लाक' 'जैवलय' नियंत्रित हुई और पाया कि TLR9 शारीरिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढाने का एक महत्वपूर्ण नमूना साबित
हुआ। रोगग्रस्त मनुष्य में रात्री 2 से 6 बजे के बीच जान का खतरा अधिकतम होता है यह निष्कर्ष स्पष्ट करते हैं कि
हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली और 'सिकेडीयन क्लाक' 'जैवलय' के बीच सीधे आणविक लिंक हैं।
डा. इरोल फाईक्रिग ने और कहा कि गहन चिकित्सा कक्ष में रोगियों को अक्सर निद्रा गड़बड़ी कम या ज्यादा, शोर, प्रकाश व दवाओं
के प्रयोग से बहुत परेशानी होती है अत् अब यह बहुत जरूरी हो जाता है कि शरीर कैसे TLR9
इन कारकों को भी प्रभावित करेगा।
1 टिप्पणी:
कौन से युग में जी रहे भाई।
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