वैसे तो चंद्रमा से सम्बन्धित बहुत सी खगोलीय घटनाएं हैं लेकिन इनमे सबसे दुर्लभ प्रकाशीय घटना है चन्द्र इन्द्रधनुष का बनना। जैसे दिन मे बरसात के बाद आसमान मे इंद्रधनुष रेनबो दिखाई देता है ठीक उसी तरह कभी कभी चन्द्र इन्द्रधनुष भी कहीं कहीं दिखाई देता है यह चंदमा से जुड़ी बहुत ही दुर्लभ प्रकाशीय घटना है।
चंद्रमा की रोशनी का पानी की छोटी छोटी बूंदों से विक्षेपण (डिस्पर्शन) चन्द्र इन्द्रधनुष बनाता है। खगोलप्रेमी ऐसी ही घटनाओं को देखने के लिए प्रतीक्षारत रहते हैं। चन्द्र इन्द्रधनुष बनने की दो मुख्य शर्ते होती हैं पहली कि चंद्रमा क्षितिज से 42 डिग्री से अधिक कोण ना बनाए दूसरी कि पूर्णिमा और सुपर मून की स्थिति होनी चाहिए। इनके अलावा आकाश साफ व पानी की सुक्ष्म बूंदों की उपस्थिति अनिवार्य है। दुनिया भर मे केवल कुछ स्थानों पर ही चन्द्र इन्द्रधनुष बनते देखे गएँ हैं। इन स्थानो में से अधिकांश हवा में धुंध की परतो, वाटर फ़ाल्स व झरनो के निकट बनते देखे गए हैं। चन्द्र इन्द्रधनुष बनने के कुछ ज्ञात स्थानों मे से अमेरिका के कैलिफोर्निया में योसेमिते राष्ट्रीय उद्यान, जाम्बिया और जिम्बाब्वे की सीमा पर विक्टोरिया जलप्रपात व हवाई मे वाईमिया है।
4 टिप्पणियां:
हर उम्र के उन दिवंगतों को मेरी भावभीनी श्रृद्धांजली, जिन्होंने 16-17 जून, 2013 को आये पहाड़-प्रलय में न सिर्फ अपनी जान गंवाई अपितु बहुत ही कष्टकारी माहौल में अपनी अंतिम साँसे गिनी। अब ये चाहे मानव निर्मित हो या फिर दैविक प्रलय, किन्तु आपदा से उपजी विपदा की इस घड़ी में हर इंसान का यह पहला कर्तव्य बनता है कि पीड़ितों का दुःख-दर्द समझे और उन्हें हर संभव मदद पहुंचाएँ...!
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आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज रविवार (23-06-2013) को मौत से लेते टक्कर : चर्चा मंच 1285 में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
इस बात में कितनी सच्चाई है कि जब जिस दिशा में इन्द्रधनुष का निर्माण होता है,वहां उड़ दिन खूब वर्षा होती है.यह केवल किद्द्वंती ही है या कोई तथ्य भी है.वास्तविक जीवन में तो यह कभी कभार ही सही होता है.बाकी गावों में यह सच मन जाता है.क्या यह अन्धविश्वास मात्र नहीं?कृपया बताने का श्रम करें.
मैं खुद लिखना चाहता था- आपने लिखा आभार
ये बरसात में ही क्यों बनता है ?
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