बुधवार, 10 अप्रैल 2013

क्यों आती है हमें जंभाई/उबासी? What is Yawn?



क्यों आती है हमें जंभाई/उबासी? What is Yawn?
हमे जब ऊब होती है या नींद का अनुभव होता है तो हम उबासी लेते हैं? निश्चित रूप से आपने भी ऐसा किया होगा! क्या आपने कभी गौर किया है कि किसी को उबासी लेते देख आसपास के लोग भी उबासी लेने लगते हैं? उबासी लेने का यह एक सिद्धांत है। किसी को उबासी लेते देखकर, किसी फोटोग्राफ को देखकर या उसके बारे में पढ़कर और यहां तक कि उबासी के बारे में केवल सोचकर भी हमें उबासी सकती है।
जंभाई/उबासी क्या है ?
तकनीकी रूप से उबासी एक परिवर्ती क्रिया है, जिसमें गहरी सांस लेने के बाद मुंह खुलता है ऑक्सीजन का धीमा निर्मोचन होता है। यह व्यवहार अनैच्छिक नियंत्रण के अधिक होता है तथा इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता या इसे दबाया नहीं जा सकता है। इसलिए जब आप उबासी लेने वाले हों तो आप उसे पूरा कर ही लें अन्यथा कईं बार जबड़े जकड़ सकते हैं यह स्थिति बहुत दर्दभरी हो जाती है और शर्मनाक भी।
क्यों लेते हैं हम जंभाई/उबासी?
भले ही उबासी एक इतनी सामान्य क्रिया है कि आप उबासी लेते हैं, आपका कुत्ता, आपकी बिल्ली भी उबासी लेती है- पर मुंह का इतना बड़े आकार में खुलने का कारण अभी भी पूरी तरह से ज्ञात नहीं है। उबासी के बारे में कई सिद्धांत हैं। जैसे कि ऊब होने से, थकावट होने से और किसी और को ऐसा करते हुए देखने से। पहले उबासी को मानव तथा प्राइमेट में- जैसे कि लंगूर तथा चिंपाजी में जैविक प्रणाली के रूप में माना जाता है, जो मस्तिष्क को अधिक गर्म होने से बचाती है।
जंभाई/उबासी चौकन्ना बनाती है जी
सबसे लोकप्रिय मान्यता है कि यह एक श्वशन परिवर्ती क्रिया है, जो रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड तथा ऑक्सीजन के स्तरों का नियंत्रण करती है। माना जाता है कि जब आपकी सांस छिछली होती है और फेफड़ों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है, तो अचानक ली हुई उबासी से ऑक्सीजन का आपूर्ति होती है और आपकी हृदय गति की दर बढ़ जाती है। यह फेफड़ों तथा रक्त से कार्बन डाइऑक्साइड को हटाती है और रक्त वाहिकाओं द्वारा मस्तिष्क में ऑक्सीजन की आपूर्ति करती है, और सामान्य श्वसन फेफड़े का वातन बनाए रखती है।
इसके परिणावस्वरूप व्यक्ति की चौकसी बढ़ जाती है। पर यह सिद्धांत पर्याप्त और सर्वमान्य नहीं है, क्योंकि यह इस बात का सपष्टीकरण नहीं करता कि आखिर जिस व्यक्ति के रक्त में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा होती है, वह भी क्यों उबासी लेते हैं?
क्या जंभाई/उबासी हमारे लिए किसी तरह से फायदेमंद है ?
गर्भस्थ भी लेता जंभाई/उबासी
एक दूसरा सिद्धांत है कि उबासी फेफड़ों और उसके ऊतकों को फैलाती है। कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि उबासी एक रक्षात्मक परिवर्ती क्रिया है, जो तेल जैसे पदार्थ जिसे सर्फेक्टेंट कहते हैं, को पुनर्वितरित करती है, जो फेफड़ों को स्नेहित करता है और उसे खराब होने से बचाता है। इसका अर्थ है कि यदि हम उबासी करें, तो गहरी सांस लेना कठिन हो जाएगा इसलिए अगली बाद जब कोई उबासी लेता दिखाई पड़े, तो आपको उनसे बचने की जरूरत नहीं है। समझिए कि वे अपने रक्त में ऑक्सीजन नियंत्रित कर रहे हैं या अपने फेफड़ों का व्यायाम कर रहे हैं ! उबासी लेना स्वास्थयवर्धक है और अनैच्छिक क्रिया का आवश्यक भाग भी, तो आओ फिर उबासी लें 
पशु पक्षी भी लेते है देखों