क्या होता है फल अंजीर Anjir Fruit-Figs
परिचय
: अफगानिस्तान के काबुल में अंजीर की अधिक पैदावार होती है। हमारे देश में
बंगलूर, सूरत, कश्मीर, उत्तर-प्रदेश, नासिक तथा मैसूर में यह ज्यादा पैदा
होता है। अंजीर का पेड़ लगभग 4.5 से 5.5 मीटर ऊंचा होता है।
इसके
पत्ते और शाखाओं पर रोएं होते हैं तथा कच्चे फल हरे और पकने पर लाल-आसमानी
रंग के हो जाते हैं। सूखे अंजीर हमेशा उपलब्ध होते हैं। कच्चे फल की सब्जी
बनती है। इस के बीजों से तेल निकाला जाता है।
कई बार जानकारी न होने के कारण हम अपने आस- पास मौजूद स्वास्थ्यवर्धक और
बहुपयोगी चीजों को अनदेखा कर देते है, जिनमे अंजीर भी शामिल है। अंजीर एक स्वास्थ्यवर्धक फल है,जिसका उपयोग हम पकवानों में बेहतरीन स्वाद के लिए करते है। नाशपाती
के आकार के इस छोटे से फल की अपनी कोई खुशबू तो नहीं होती पर यह रसीला और
गूदेदार होता है। इसके छिलके के रंग का स्वाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता पर
इसका स्वाद इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहां उगाया गया है और यह
कितना पका है।
विभिन्न भाषाओं में नाम
संस्कृत- काकोदुम्बरिका।
हिंदी- अंजीर।
मराठी- अंजीर।
गुजराती- पेपरी।
बंगाली- पेयारा।
अंग्रेजी- फिग।
लैटिन- फिकस कैरिका।
रंग अंजीर रंग सुर्ख और स्याह मिश्रित होता है।
स्वाद यह खाने में मीठा होता है।
स्वरूप अंजीर एक बिलायती (विदेशी) पेड़ का फल है जो गूलर के समान होता है। यह जंगलों में अक्सर पाया जाता है। आमतौर पर लोग इसे बनगूलर के नाम से भी पुकारते हैं।
स्वभाव यह गर्म प्रकृति का होता है।
हानिकारक अंजीर का अधिक सेवन यकृत (जिगर) और आमाशय के लिए हानिकारक हो सकता है।
दोषों को दूर करने वाला अंजीर के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए बादाम का उपयोग किया जाता है।
मात्रा (खुराक) अंजीर की पांच दाने तक ले सकते हैं।
गुण अंजीर के सेवन से मन प्रसन्न रहता है। यह स्वभाव को कोमल बनाता है। यकृत और प्लीहा (तिल्ली) के लिए लाभकारी होता है, कमजोरी को दूर करता है तथा खांसी को नाश करता है।
वैज्ञानिक मतानुसार अंजीर के रासायनिक गुणों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि
इसके सूखे फल में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई एक प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लोहा, विटामिन `ए´ 270 आई.यू., थोड़ी मात्रा में चूना, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है।
तो है ना कमाल का फल अंजीर .....
संस्कृत- काकोदुम्बरिका।
हिंदी- अंजीर।
मराठी- अंजीर।
गुजराती- पेपरी।
बंगाली- पेयारा।
अंग्रेजी- फिग।
लैटिन- फिकस कैरिका।
रंग अंजीर रंग सुर्ख और स्याह मिश्रित होता है।
स्वाद यह खाने में मीठा होता है।
स्वरूप अंजीर एक बिलायती (विदेशी) पेड़ का फल है जो गूलर के समान होता है। यह जंगलों में अक्सर पाया जाता है। आमतौर पर लोग इसे बनगूलर के नाम से भी पुकारते हैं।
स्वभाव यह गर्म प्रकृति का होता है।
हानिकारक अंजीर का अधिक सेवन यकृत (जिगर) और आमाशय के लिए हानिकारक हो सकता है।
दोषों को दूर करने वाला अंजीर के हानिकारक प्रभाव को नष्ट करने के लिए बादाम का उपयोग किया जाता है।
मात्रा (खुराक) अंजीर की पांच दाने तक ले सकते हैं।
गुण अंजीर के सेवन से मन प्रसन्न रहता है। यह स्वभाव को कोमल बनाता है। यकृत और प्लीहा (तिल्ली) के लिए लाभकारी होता है, कमजोरी को दूर करता है तथा खांसी को नाश करता है।
वैज्ञानिक मतानुसार अंजीर के रासायनिक गुणों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि
इसके सूखे फल में कार्बोहाइड्रेट (शर्करा) 63 प्रतिशत, प्रोटीन 5.5 प्रतिशत, सेल्यूलोज 7.3 प्रतिशत, चिकनाई एक प्रतिशत, खनिज लवण 3 प्रतिशत, अम्ल 1.2 प्रतिशत, राख 2.3 प्रतिशत और जल 20.8 प्रतिशत होता है। इसके अलावा प्रति 100 ग्राम अंजीर में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लोहा, विटामिन `ए´ 270 आई.यू., थोड़ी मात्रा में चूना, पोटैशियम, सोडियम, गंधक, फास्फोरिक एसिड और गोंद भी पाया जाता है।
तो है ना कमाल का फल अंजीर .....
5 टिप्पणियां:
इस का स्वाद ले चुके हैं :)
Ye to bahut hi Kamal Ki chiz hai,
me roz ek anjeer khata hu kya muje koi nuksan to nahi ho sakta he na
Difference between gular and anjir
इसकी पहचान क़या हैं।
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