शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

इन्द्रधनुष चाप के आकार के क्यों होते हैं? Rainbows

इन्द्रधनुष चाप के आकार के क्यों होते हैं?

सूर्य का प्रकाश सात रंगों से मिल बना है जिसे संक्षिप्त में 'बैनीआहपीनाला’ शब्द से याद रख सकते हैं  जब सूर्य की रोशनी की किरण प्रिज्म से गुजरती है तो सात रंगों में विभक्त हो जाती है। जब हम इंद्रधनुष को देखते हैं, तो वास्तव में एक विशाल और वक्राकार स्पेक्ट्रम को देख रहे होते हैं। इस स्पेक्ट्रम में बारिश की छोटी-छोटी बूंदें प्रिज्म का काम करती हैं। जब सूर्य की किरणें बूंद से गुजरती हैं तो ये सात रंगों  में विभक्त हो जाती हैं। बूंद के अंदर स्पेक्ट्रम का आकार बूंद के आकार के बराबर होता है। यहाँ कुछ प्रकाश परावर्तित होकर बूंद से हर चला जाता है। इस कारण प्रकाश की किरणे विभिन्न रंगों और विभिन्न दिशाओं में बूंद से हर निकलती हैं। इस विशेषता के कारण इंद्रधनुष तभी दिखाई देता है जब सूर्य हमारे पीछे हो और बारिश सामने हुई हो। अब इसकी धनुषनुमा आकृति पर गौर करते हैं कि यह इस रूप में ही क्यों दिखता है? उदाहरण के लिए लाल रंग लेते हैं। जो बूंदें लाल किरणों को आपकी आँखों की ओर परावर्तित करती हैं  वे सभी आपकी आँखों के साथ समान कोण बनाती हैं। अर्थात् वे सभी इस काल्पनिक क्षैतिज रेखा से बनने वाले शंकु के किनारे पर स्थित होंगी, जो आपकी आँखों के केन्द्र से गुजरती हो। अन्य रंगो के साथ भी यह होता है और इसी कारण इंद्रधनुष का आकारा चाप जैसा होता है। यहाँ एक दिलचस्प बात है कि हर व्यक्ति अपना-अलग इंद्रधनुष देखता है। इंद्रधनुष को कहीं से भी देखा जा सकता है-झरने के पास,फव्वारे के पास और यहाँ तक कि आपके शरीर के पास। बस सूर्य की किरणों को पानी की बूंदों पर चमकना चाहिए।