क्या वर्षा जल शत प्रतिशत शुद्ध होता है? Is Rain Water is 100% Pure?
क्या वर्षा जल शत प्रतिशत
शुद्ध होता है? क्या इसे हम पेय-जल के तौर पर
उपयोग कर सकते हैं?
आदीवासी एकत्र करते हैं वर्षा का जल |
प्राकृतिक जल में आयन घुले
होते हैं।
वर्षा जल प्राकृतिक आसवन
प्रक्रिया, जो कि वाष्पीकरण, संघनन एवं अवक्षेपण की सम्मिलित क्रिया है, से
प्राप्त होता है, वर्षा जल बहुत ही तनु विलयन होता है।
जिसमें बहुत ही कम मात्रा,
सामान्यतः 10 से 20 मि.ग्रा.
प्रति लीटर में आयन घुले रहते हैं।
वर्षा जल में सभी घुलित आयन 1 से 3 मि.ग्रा. / लीटर की परास में होते हैं। इसलिए यह शुद्ध व पेय योग्य होता है। इस वर्षा जल का पी एच मान 6.7 से 7.2 उपभोग की दृष्टि से सही माना जाता है, जो कि क्षेत्र के अनुसार परिवर्तित होता है। तटीय क्षेत्र में समुद्री फुहार के कारण आयन उच्च मात्रा में विलेय होते हैं।
हवा में अधिक कणों की उपस्थिति, पानी के अणुओं से क्रिया कर अधिक आयनों को घोलती है।
वायु में कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रोजनडाइऑक्साइड एवं सल्फरडाइआक्साईड की अधिक मात्रा से अम्लीय वर्षा होती है जो कि पेड़-पौधों के लिए हानिकारक है। इस वर्षा से पी एच pH मान भी घटता है। शुद्ध वर्षा जल शरीर के लिए आवश्यक खनिज तत्वों व आयनों की पर्याप्त मात्रा नहीं रखता। इसलिए वर्षा जल में उचित परिवर्तन करने के पश्चात, पेयजल के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।
वर्षा का जल आरम्भिक बूंदों के साथ वातावरणीय अशुद्धियों युक्त होता है परन्तु कुछ देर की लगातार वर्षा के बाद जल अपेक्षाकृत शुद्ध अवस्था में होता है।
ओधोगिक नगरी जैसे आगरा कानपुर फरीदाबाद आदि और वायु प्रदुषित शहर में वर्षा का जल अम्लीय प्रकृति का होता है।
वर्षा जल में सभी घुलित आयन 1 से 3 मि.ग्रा. / लीटर की परास में होते हैं। इसलिए यह शुद्ध व पेय योग्य होता है। इस वर्षा जल का पी एच मान 6.7 से 7.2 उपभोग की दृष्टि से सही माना जाता है, जो कि क्षेत्र के अनुसार परिवर्तित होता है। तटीय क्षेत्र में समुद्री फुहार के कारण आयन उच्च मात्रा में विलेय होते हैं।
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pH व T D S |
वायु में कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रोजनडाइऑक्साइड एवं सल्फरडाइआक्साईड की अधिक मात्रा से अम्लीय वर्षा होती है जो कि पेड़-पौधों के लिए हानिकारक है। इस वर्षा से पी एच pH मान भी घटता है। शुद्ध वर्षा जल शरीर के लिए आवश्यक खनिज तत्वों व आयनों की पर्याप्त मात्रा नहीं रखता। इसलिए वर्षा जल में उचित परिवर्तन करने के पश्चात, पेयजल के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है।
वर्षा का जल आरम्भिक बूंदों के साथ वातावरणीय अशुद्धियों युक्त होता है परन्तु कुछ देर की लगातार वर्षा के बाद जल अपेक्षाकृत शुद्ध अवस्था में होता है।
ओधोगिक नगरी जैसे आगरा कानपुर फरीदाबाद आदि और वायु प्रदुषित शहर में वर्षा का जल अम्लीय प्रकृति का होता है।
3 टिप्पणियां:
Nice Information
Thanks
thank u
vadhiya jaankari sir ji
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