क्यों जरूरी है विटामिन ई ? Why Vitamin-E is essential ?
आवश्यक शारीरिक क्रियाएँ पूरी करने के लिए शरीर को किसी न किसी रूप में सभी विटामिनो की जरूरत होती है। क्योंकि विटामिनो की कमी से शरीर में कई दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं।
यूँ तो सभी विटामिनो का अपना अपना महत्व है परन्तु इनमे से विटामिन ई अद्वितीय गुणों से भरपूर है। अधिकतर यह ही जानते हैं कि झुर्रियों को रोकने में और नपुसंकता/बांझपन मे विटामिन ई लाभकारी है परन्तु सिर्फ ऐसा नहीं है माल बेचने की जुगतों ने इस महत्वपूर्ण विटामिन को केवल सेक्स और सौंदर्य विटामिन बना कर पेश किया है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि विटामिन ई अल्जाइमर रोगको रोकने में सहायक हो सकता है।
तो आइए जानें विटामिन ई के और उसके कार्यों के बारे में;
विटामिन ई सब उम्र के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक एंटीऑक्सीडेंट प्रकार का विटामिन है और व्यायाम खेल-कूद से उत्पन्न हो सकने वाली आक्सिकरणीय नुकसान को रोकने में मदद करता है।विटामिन ई द्वारा मुक्त एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण इस आक्सिकरणीय नुकसान मे कोशिकाओं को सामान्य रूप से कार्य करने के लिए पूरी क्षमता के साथ प्रेरित करता हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया, कैंसर और हृदय रोग सहित कई विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।विटामिन ई सभी मांसपेशियों में ऐंठन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
विटामिन ई कई रूपों मौजूद हैं:
अल्फा-tocopherol ;
डी-अल्फा tocopherol(प्राकृतिक उत्पाद सोयाबीन तेल);
डी-अल्फा tocopheryl;
डीएल-अल्फा tocopheryl;
सिंथेटिक विटामिन ई;
प्राकृतिक अल्फा, बीटा, डेल्टा, और गामा tocopherol सहित समावयवों का एक मिश्रण है।
विटामिन ई की कमी या अल्पता से हानियाँ;
>विटामिन ई, खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कणिकाओं (R B C) को बनाने के काम आता है।
>शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांस-पेशियां, अन्य उत्तक।
>विटामिन `ई´ की कमी होते ही क्रमश: विटामिन `ए´ भी शरीर से नष्ट होने लगता है।
> विटामिन `ई´ झुर्रियाँ मिटाने और युवा बनाये रखने में विशेष सहायक होता है।
विटामिन ई की उपलब्धता;
विटामिन-ई सिर्फ प्राकृतिक स्त्रोत से ही लेने पर फायदेमंद है।विटामिन बी और सी पानी में घुलनशील है और यूरिन के जरिए बाहर चला जाता है, लेकिन विटामिन ए, डी और इ फैट सॉल्युबल हैं,ये शरीर में रह जाते हैं।
विटमिन ई सी फूड, शाक-सब्जियों, अंकुरित अनाज, बिनोले, एवोकैडो, मेवे व राजमा, फ्लेक्स सीड(अलसी), सोयाबीन, लोबिया में पाए जाते हैं...ओमेगा 3 फैट्स सिर्फ ऑयली मछली जैसे सालमन में पाए जाते हैं।। यह गेहूँ के अंकुर के तेल (wheat germ oil) से भी प्राप्त होता है।
जीवन रक्षक न होते हुए भी विटामिन ई संसार भर के स्त्री-पुरुषों के लिए जीवन के समस्त आनन्द प्राप्त करने के लिए अति आवश्यक है।
विटामिन-ई अणु |
यूँ तो सभी विटामिनो का अपना अपना महत्व है परन्तु इनमे से विटामिन ई अद्वितीय गुणों से भरपूर है। अधिकतर यह ही जानते हैं कि झुर्रियों को रोकने में और नपुसंकता/बांझपन मे विटामिन ई लाभकारी है परन्तु सिर्फ ऐसा नहीं है माल बेचने की जुगतों ने इस महत्वपूर्ण विटामिन को केवल सेक्स और सौंदर्य विटामिन बना कर पेश किया है।
वैज्ञानिकों का दावा है कि विटामिन ई अल्जाइमर रोगको रोकने में सहायक हो सकता है।
तो आइए जानें विटामिन ई के और उसके कार्यों के बारे में;
विटामिन ई सब उम्र के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक एंटीऑक्सीडेंट प्रकार का विटामिन है और व्यायाम खेल-कूद से उत्पन्न हो सकने वाली आक्सिकरणीय नुकसान को रोकने में मदद करता है।विटामिन ई द्वारा मुक्त एंटीऑक्सीडेंट गुणों के कारण इस आक्सिकरणीय नुकसान मे कोशिकाओं को सामान्य रूप से कार्य करने के लिए पूरी क्षमता के साथ प्रेरित करता हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया, कैंसर और हृदय रोग सहित कई विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जिम्मेदार माना जाता है।विटामिन ई सभी मांसपेशियों में ऐंठन को कम करने में मदद कर सकते हैं।
विटामिन ई कई रूपों मौजूद हैं:
अल्फा-tocopherol ;
डी-अल्फा tocopherol(प्राकृतिक उत्पाद सोयाबीन तेल);
डी-अल्फा tocopheryl;
डीएल-अल्फा tocopheryl;
सिंथेटिक विटामिन ई;
प्राकृतिक अल्फा, बीटा, डेल्टा, और गामा tocopherol सहित समावयवों का एक मिश्रण है।
विटामिन ई की कमी या अल्पता से हानियाँ;
>विटामिन ई, खून में रेड बल्ड सेल या लाल रक्त कणिकाओं (R B C) को बनाने के काम आता है।
>शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाये रखने में मदद करता है जैसे कि मांस-पेशियां, अन्य उत्तक।
>यह विटामिन शरीर को आक्सीजन के एक नुकसानदायक रूप से बचाता है जिसे आक्सीजन रेडिकल्स(oxygen radicals) कहा जाता है ये एंटीओक्सिडेंट (anti-oxidants) के रूप में हमे इस नुकसान से बचाता है ।
>विटामिन ई , कोशिका के अस्तित्व बनाए रखने के लिये कोशिका की बाह्य झिल्ली को बनाए रखता है।
>विटामिन ई, शरीर के वासिय अम्लो को भी संतुलन में रखता है।
>समय से पहले हुये या अपरिपक्व नवजात शिशु (Premature infants) में विटामिन ई के कमी से खून की कमी हो जाता है। इससे उनमें एनिमीया (anemia) हो सकता है।
>बच्चों और व्यस्क लोगों में विटामिन ई के अभाव से दिमाग की नसों की या न्युरोलोजीकल (neurological) समस्या हो सकती है।
>पुरुषों की नपुंसकता और नामर्दी का एक कारण शरीर में विटामिन ई की कमी हो जाना भी होता है।
>शिराओं के भंयकर घाव, गैग्रीन आदि विटामिन `ई´ के प्रयोग से समाप्त हो जाते है।
>विटामिन `ई´ की कमी से स्त्री के स्तन सिकुड़ जाते हैं और छाती सपाट हो जाती है।
>विटामिन `ई´ की कमी से थायराइड ग्लैण्ड तथा पिट्यूटरी ग्लैण्ड के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो जाती है।
>शरीर में विटामिन `ई´ की कमी हो जाने से किसी भी रोग का संक्रमण जल्दी लग जाता है।>विटामिन `ई´ की कमी होते ही क्रमश: विटामिन `ए´ भी शरीर से नष्ट होने लगता है।
> विटामिन `ई´ झुर्रियाँ मिटाने और युवा बनाये रखने में विशेष सहायक होता है।
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विटामिन ई की उपलब्धता |
विटामिन-ई सिर्फ प्राकृतिक स्त्रोत से ही लेने पर फायदेमंद है।विटामिन बी और सी पानी में घुलनशील है और यूरिन के जरिए बाहर चला जाता है, लेकिन विटामिन ए, डी और इ फैट सॉल्युबल हैं,ये शरीर में रह जाते हैं।
विटमिन ई सी फूड, शाक-सब्जियों, अंकुरित अनाज, बिनोले, एवोकैडो, मेवे व राजमा, फ्लेक्स सीड(अलसी), सोयाबीन, लोबिया में पाए जाते हैं...ओमेगा 3 फैट्स सिर्फ ऑयली मछली जैसे सालमन में पाए जाते हैं।। यह गेहूँ के अंकुर के तेल (wheat germ oil) से भी प्राप्त होता है।
Mustard Greens,Swiss Chard, Spinach, Kale and Collard Greens, Nuts,Tropical Fruits, Red Bell Peppers, Broccoli, Wheat Oils