बुधवार, 13 अप्रैल 2011

क्या होता है ओस,पाला और कोहरा या धुंध? Whats Dew,Frost and Mist or Fog?

क्या होता है ओस,पाला  और कोहरा या धुंध? Whats Dew,Frost and Mist or Fog?
http://en.wikipedia.org/wiki/Dew
आओ पहले जाने ओस क्या है?
जैसा  कि हम जानते हैं कि वायु मंडल में जल वाष्प मौजूद होती हैं पृथ्वी धरातल रात्री में विकिरण द्वारा ऊष्मा त्याग कर शीतलीकरण प्रक्रिया सम्पन्न करती है| तब इन शीतलीकृत तलों पर संचित जल की बूंदों को ओस कहते है अत: ओस वायु में उपस्थित जल वाष्प के धरातल पर संघनित(वाष्प का द्रव बनना) होने से उत्पन्न होती है| स्वच्छ और शांत रातों में जब धरातल तीव्र गति से ठंडा होता है तब ओस उत्पन्न होती है परन्तु जब रात्रि बादलों युक्त हो तो ग्रीन हाउस प्रभाव के कारण धरातल पूरी तरह से ठंडा नहीं हो पाता इस लिए बादलों वाली रात को ओस नहीं पड़ती|
जल के प्राप्ति जिन स्थानों पर आसानी से नहीं हो सकती हो उन स्थानों पर ओस बूंद संग्रहण विधि Dew Recovering से साफ़ पानी एकत्र करते है इस विधि में दो प्रकार से ओस एकत्र की जा सकती 
http://en.wikipedia.org/wiki/Dew
पतली स्टील वायर यानी कि तार ले कर उस का एक जाल बनाया जाता है जो कि २०-२५ वर्ग फुट तक हो सकता है छत पर या घर के आंगन में १०-१२ फुट ऊँचाई पर, शाम से रात और सुबह तक ओस की बूंदे तारों से फिसल फिसल कर एक धार का रूप लेती हुई एक टैंक में एकत्र होती रहेंगी और २००-३०० लीटर जल प्रतिदिन एकत्र हो जाता है जिस का उपयोग दैनिक कार्यों में जल की आवश्यकता को पूरा करने  के लिए किया जा सकता है  
हिमाचल प्रदेश में इस विधि का प्रयोग करते है |
विदेशों में तो छते ढालदार बनाई जाती है जिन पर से ओस की बूंदे फिसल कर एक टैंक में एकत्र होती है और जल संग्रहण हो जाता है |  
http://en.wikipedia.org/wiki/Frost
आओ अब जाने पाला क्या है? 
आमतौर पर शीतकाल की लंबी राते ज्यादा ठंडी होती है और कईं बार तापमान हिमांक  freezing point पर या इस से भी नीचे चला जता है ऐसी स्थिति में जलवाष्प बिना द्रव रूप में परिवर्तित हुए सीधे ही सुक्ष्म हिमकणों में परिवर्तित हो जाते है इसे पाला कहते है पाला फसलों और वनस्पतियों के लिए बहुत हानिकारक होता है |
उत्तर भारत में दिसम्बर से फरवरी महीने पाला पड़ने वाले दिन है ऐसे में यहाँ के किसान फसलों के छोटे पौधों को बचाने के लिए फसलों की सिंचाई कर देते है खेतों में पानी दिये जाने से आद्रता बढ़ जाने से जल वाष्प अपने में संचित उष्मा से वायु और धरातल को ज्यादा ठंढा नहीं होने देती |   
कोहरा दृश्यता एक किमी से अधिक
आओ अब जाने कोहरा या धुंध क्या है? 
कोहरा वास्तव में एक निम्न स्तरीय मेघ ही होता है वायु मंडल में उपस्थित जलवाष्प जब ओसांक से नीचे जाती है पर हिमांक से उपर रहती है उस स्थिति में पानी की छोटी छोटी बूंदे वायुमंडल में देर तक लटकी रहती हैं| इस स्थिति में दृश्यता बहुत कम हो जाती है इस प्रकार का कोहरा शीतकाल में उत्तरी भारत में देखा जा सकता है |
कईं बार जब कोई गर्म और आद्र वायु ठन्डे धरातलीय इलाके से गुजरती है तो संघनित हो कर कोहरे का रूप लेती है इसे अभिवहन कोहरा कहते हैं |
स्माग दिल्ली में
यहाँ एक और पद 'स्माग' से परिचित होना भी जरूरी है जब कोहरे का धुएं के साथ मिश्रण होता है तो उस को स्माग कहते है स्माग ज्यादातर ओद्योगिक और शहरी क्षेत्रो में जल कणों का कार्बन कणों तथा अन्य सुक्ष्म कणों के मिश्रण से अधिक तीव्रता से बनता है और ज्यादा देर तक बना रहता है इसमें विभिन्न रसायनों की वाष्पे मिल जाने से इसकी प्रकृति अम्लीय भी हो जाती है जो की अधिक हानिकारक है |
धुंध
कुहासा अथवा धुंध भी एक प्रकार का कोहरा ही होता है बस दृश्यता का अंतर होता है यदि दृश्यता की सीमा एक किमी या एक किमी से कम हो तो उसे कुहासा या धुंध कहते हैं कईं बार धूल कणों के मिलने के कारण दृश्यता विसिबिलिटी बहुत कम यानी कुछ मीटर तक ही रह जाती है इस स्थिति में वाहनों की दुर्घटनाएं होती है ऐसे समय में रेल और वायु परिवहन बाधित होता है |
धुंध की स्थिति में सूर्य की किरणों को  धरातल तक पहुँचने में अधिक समय लगता है |                    

9 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

good information
thanks
मेरा ब्लॉग भी देखें
भले को भला कहना भी पाप

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

जानकारी से भरी बहुत बढ़िया पोस्ट!

Parthvi ने कहा…

क्या होता है साबुन ??????
जो खत्म हो गया है |

Parthvi ने कहा…

आभार इस जानकारी के लिये।

Patali-The-Village ने कहा…

जानकारी से भरी बहुत बढ़िया पोस्ट| धन्यवाद|

Unknown ने कहा…

बहुत बढ़िया पोस्ट|

शिक्षामित्र ने कहा…

अब कोई बताए कि आईपीएल के मैच जानबूझकर क्यों देर-रात के रखे जा रहे हैं जबकि पता है कि बाद वाली टीम के गेंदबाज़ों को दिक्कत आएगी।

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

रोचक जानकारी।

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भगवान के अवतारों से बचिए!
क्‍या सचिन को भारत रत्‍न मिलना चाहिए?

कुमार राधारमण ने कहा…

अक्सर रूबरू होते रहे इन सबसे,पर इतने विस्तार से पहली बार जाना।