बुधवार, 6 अप्रैल 2011

क्या होते है मोटे अनाज ? Mota Anaj

क्या होते है मोटे अनाज ? Mota Anaj
हमारे दैनिक भोजन में ज्यदातर चावल और गेहूं ही शामिल होते है 
जबकि हमें सभी प्रकार के  मोटे अनाज खाने चाहिए । जैसे  जई, बाजरा, ज्वार, रागी, जौ आदि। लेकिन बड़े शहरों में रहने भारत के ज्यादातर लोगों को इन तमाम मोटे अनाजों के बारे में या तो पता नहीं है या इनका इस्तेमाल उनके भोजन का हिस्सा नहीं हैं।
अब वैज्ञानिकों को पता चला है कि ज्वार खाने से कुपोषण की समस्या दूर हो सकती है। ज्वार में सारे पोषक तत्व हैं। गेहूँ में नहीं। हमारे यहाँ तो ग्रामीण भारत में पहले लोग मोटा अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, मक्का और को  ही खाते थे और स्वस्थ व सेहतमंद रहते थे। मोटे अनाज के सेवन में बहुत लाभ है, 
ज्वार, बाजरा, रागी तथा अन्य मोटे अनाज उदाहरण के लिए मक्का, जौ, जई आदि भले ही गुणवत्ता में गेहूं और चावल के समान न हों लेकिन पोषण स्तर के मामले में वे उनसे बीस ही साबित होते हैं।
जबकि भोजन  विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर आपका अपने को स्वस्थ रखना चाहते है तो सबको अपने खाने में इन मोटे अनाजों को सजग होकर शामिल करें।
आओ  जाने कुछ मोटे अनाजों के बारे में और उन के गुण जान कर उन्हें अपने भोजन में शामिल कर स्वस्थ  रहें | 

रागी  ( Finger Millet)

http://en.wikipedia.org/wiki/Finger_millet

रागी कैल्शियम का जबरदस्त स्रोत है। इसलिए जो लोग ऑस्टेपेनिया के शिकार हैं और ऑस्टेपोरेसिस के भी, ऐसे दोनों लोगों के लिए यह फायदेमंद है।

यह मोनोपोज के बाद महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है।

जो लोग लेक्टोज की समस्या से पीड़ित होते हैं उनके लिए रागी कैल्शियम का जबरदस्त स्रोत है। इसीलिए रागी का इस्तेमाल छोटे बच्चों के भोजन में भी होता है।

 

ओट्स (Oats)

http://en.wikipedia.org/wiki/Oat

ओट्स या जई आसानी से पच जाने वाले फाइबर का जबरदस्त स्रोत है। साथ ही यह कॉम्पलेक्स कार्बोहाइडेट्स का भी अच्छा स्रोत है।

ओट्स हृदय संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करता है। बशर्ते इसे लो सैच्यूरेटिड फैट के साथ लिया जाए।

ओट्स एलडीएल की क्लियरेंस बढ़ाता है।

ओट्स में फोलिक एसिड होता है जो बढ़ती उम्र वाले बच्चों के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह एंटीकैंसर भी होता है।

ओट में कैल्शियम, जिंक, मैग्नीज, लोहा और विटामिन-बी व ई भरपूर मात्रा में होते हैं।

जो लोग डिसलिपिडेमिया और डायबिटीज से पीड़ित हैं उन्हें ओट्स फायदेमंद होता है। गर्भवती महिलाओं और बढ़ते बच्चों को भी ओट खाना चाहिए। 

जौ (Barley)

http://en.wikipedia.org/wiki/Barley
जौ वह अनाज है जिसमें सबसे ज्यादा अल्कोहल पाया जाता है।
यह पच जाने वाले फाइबर का भी अच्छा स्रोत है।
यह ब्लड कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
यह ब्लड ग्लूकोज को बढ़ाता है।
जौ मैग्नीशियम का भी अच्छा स्रोत और एंटीऑक्सीडेंट है।
अल्कोहल से भरे होने के कारण यह डायूरेटिक है इस कारण हाइपर टेंशन से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद है।

बाजरा (Millet)

http://en.wikipedia.org/wiki/Millet
बाजरा एक गर्म अनाज है। इसलिए आमतौर पर इसका स्वागत जाड़ों के दिनों में ही किया जाता है। बाजरा प्रोटीन का भंडार है। बाजरे में मैथाइन, ट्राइप्टोफान और इनलिसाइन बड़ी मात्रा में पाया जाता है।
यह थायमीन अथवा विटामिन-बी का अच्छा स्रोत है और आयरन तथा कैल्शियम का भी भंडार है।
यह उन लोगों के लिए तो बहुत ही फायदेमंद है जो गेहूं नहीं खा सकते। लेकिन बाजरे को किसी और अनाज के साथ मिलाकर खाना चाहिए।
ज्वार (Sorghum vulgare)
http://en.wikipedia.org/wiki/Sorghum
ज्वार भी एक तरह से जाड़ों में पसंद किया जाने वाला अनाज है। इसमें बहुत कम वसा होती है और ये कार्बोहाइडेट का जबरदस्त भंडार है।
इसमें भी आयरन, कैल्शियम का उपयोगी भंडार होता है। यह उनके लिए सही रहता है जो पोलिसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम से पीड़ित हैं।
यह मूत्र प्रक्रिया को सुचारू रूप से बनाए रखने में सहायक है। जिससे हाइपर टेंशन रोगी परेशान रहते हैं।

मक्का (Maize)
http://en.wikipedia.org/wiki/Maize
मक्का एक ऐसा खाद्यान है जो मोटे अनाज की ष्रेणी मे आता  है  
भुट्टा या मक्का पेट के अल्सर से छुटकारा दिलाने में सहायक है। 
अधिक रेशेवाला भोजन होने के कारण यह वज़न घटाने में अत्यंत उपयोगी है। 
यह कमज़ोरी में बेहतर ऊर्जा प्रदान करता है। 
कार्न फ्लेक के रूप में लेने पर यह हृदयरोग की रोकथाम में सहायक होता है।
इस तरह यह तमाम तरह के मोटे अनाज स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। अगर हम मोटे अनाजों के नाम पर सिर्फ गेहूं और चावल न खाकर अपने रोजमर्रा के भोजन में इन मोटे अनाजों को भी शामिल करें तो इनसे होने वाले फायदे कई गुना होंगे।
बाजरे  पर गया गया यह दिलकश पंजाबी गीत प्रकाश कौर जी की आवाज में 


9 टिप्‍पणियां:

Arvind Mishra ने कहा…

अच्छी जानकारी भरी पोस्ट -ये आनाज तो अब लुप्त हो रहे हैं !

सुज्ञ ने कहा…

स्वास्थ्यप्रद जानकारी, आभार!!

बाज़रा की तस्वीर सही नहीं लगी है।

Darshan Lal Baweja ने कहा…

बदल दी है धन्यवाद

उन्मुक्त ने कहा…

इन्हें मोटा अनाज क्यों कहा जाता है।

Darshan Lal Baweja ने कहा…

मोटा अनाज एक देसी नामकरण है इन्हें मोटा अनाज इस लिए कहा जाता है कि कम वर्षा ओर कल्लर भूमि पर कम कृषि क्रियाओं को कर के उगाया जा सकता है|
बाकी कोई भी बताए उनका धन्यवाद

ZEAL ने कहा…

very useful post Darshan ji . Thanks.

शिक्षामित्र ने कहा…

ज्ञानवर्द्धक,स्वास्थ्यकर और भ्रमनिवारक जानकारी।

Unknown ने कहा…

आपका ब्लॉग ज्ञानवर्धक है. इसलिए इसका फोलोवर बनना पड़ेगा.

मेरा ब्लॉग भी देखें
भले को भला कहना भी पाप

bandanajee ने कहा…

मोटे अनाज पर लिखा गया एक उपयोगी ब्लॉग।