ये प्रश्न अक्सर सोचने पर मजबूर कर देता होगा मछलियाँ तो पानी के अंदर रहती है और गिल्ज़(गल्फडो) से सांस लेती है और पानी में तो हवा भी नहीं चल रही होती फिर मछलियाँ पानी के भीतर गंध का अनुभव कैसे कर लेती होंगी?
इस प्रश्न जानने के लिए पहले ये जानना जरूरी है कि मछली की शारीरिक बनावट कैसी होती है और क्या उस की नाक भी होती है?


यहाँ एक बात काबिले गौर है कि मछली के नथुने यानी नाक उसके श्वशन तन्त्र Respiratory System के हिस्से नहीं है|मछली का श्वशन तन्त्र भी जटिल व्यवस्था है चलो जान ही लेते है ये भी
गिल्ज़ में पानी में घुलनशील आक्सीजन पतली झीळली वाली रक्त नलिकाओं में से रक्त के साथ जा मिलती है और ह्रदय की कार्य प्रणाली से सारे शरीर में पहुँच जाता है |
मछलियों को सूघने के लाभ: 
1- इनको भोजन की तलाश में मदद मिलती है|
2- इस से इनको खतरे भापने में मदद मिलती है |
3- इनको अपने आश्रय या कह लो घर तक पहुचने में मदद मिलती है |
4- ये इस गुण से दो पानियों का अंतर तक पहचान जाती है |
5- खतरे की चेतावनी देने के काम भी आता है यह गुण|
नोट :सभी चित्र गूगल इमेज से साभार
5 टिप्पणियां:
Very informative post -thanks
कितने सुंदर अंदाज में आपने एक नई जानकारी दी..............आभार
yes right Fish do smell the rat....
बहुत बढ़िया जानकारी !
Gyanwardhak jaankari. isi tarah hame naye jaankari dete rahe.
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